Monday 30 November 2020

शिक्षा दर्शन के क्षेत्र पार्ट 2

  शिक्षा दर्शन के क्षेत्र


व्यक्ति का संपूर्ण जीवन शिक्षा दर्शन का ही क्षेत्र है क्योंकि शिक्षा और दर्शन जीवन के विषय हैं इसके अंतर्गत जीवन को व्यक्ति को सामाजिक परिस्थितियों में रखा जाता है और उसके विकास का अवसर प्रदान किया जाता है

शिक्षा दर्शन के क्षेत्र का वर्णन इस प्रकार है

शिक्षा दर्शन शिक्षा के उद्देश्यों के निर्धारण में प्रमुख भूमिका निभाता है। शिक्षा के उद्देश्यों की पूर्ति के लिए निश्चित प्रकार के पाठ्यक्रम का निर्माण किया जाता है। पाठ्यक्रम को क्रियान्वित करने वाला शिक्षण होता है और इसकी सफलता शिक्षण विधियों पर निर्भर होती है शिक्षा दर्शन इस दिशा में काफी सहायता करता है। शिक्षण विधियों की सफलता के लिए सहायक सामग्रियों का निर्धारण शिक्षा दर्शन द्वारा किया जाता है। विद्यालय में अनुशासन का क्या स्वरूप हो या अनुशासनहीनता को कैसे दूर किया जाए इन विषयों का अध्ययन शिक्षा दर्शन में किया जाता है


शिक्षा दर्शन की आवश्यकता

  • आधार के कारण आवश्यकता

व्यक्ति के जीवन दर्शन के अनुसार ही शिक्षा प्रक्रिया भी चलती है बिना दर्शन के आधार लिए हम शिक्षा के कार्यक्रम को आगे नहीं बढ़ा सकते हैं।


  • व्यापक दृष्टिकोण के कारण आवश्यकता

दर्शन केवल आध्यात्मिक क्षेत्रों तक ही सीमित नहीं है बल्कि यह आज आर्थिक राजनैतिक जैविक धार्मिक नैतिक सभी क्षेत्रों में व्यापक है अतः इस प्रकार के दृष्टिकोण के लिए शिक्षा दर्शन की आवश्यकता है

  • शिक्षक की दृष्टिकोण से आवश्यकता

शिक्षक के संबंध शिक्षा के उद्देश्यों पाठ्यक्रम शिक्षण विधियों अनुशासन सभी बातों से रहता है और शिक्षा दर्शन का क्षेत्र भी यही है अतः प्रत्येक शिक्षक को शिक्षा दर्शन का ज्ञान होना चाहिए


शैक्षिक समस्याओं के समाधान की दृष्टि से आवश्यकता

शिक्षा के क्षेत्र में अनेक समस्याएं पाई जाती हैं जिनका  सामना शिक्षक को करना पड़ता है इन समस्याओं का समाधान शिक्षक शिक्षा दर्शन की सहायता से कर सकता

  • अनुशासन की दृष्टि से आवश्यकता

अनुशासन समस्या के समाधान के लिए शिक्षा दर्शन के ज्ञान की आवश्यकता होती है।

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Friday 20 November 2020

शिक्षा दर्शन शास्त्र part 1

 शिक्षा दर्शन शास्त्र


शिक्षा दर्शन का अर्थ जब संसार की रचना हुई तभी से व्यक्ति ज्ञान की खोज में भटकता रहा आज भी वह इसके लिए निरंतर अग्रसर है।

शिक्षा का स्वरूप
शिक्षा शब्द की उत्पत्ति संस्कृत के 'शिक्षा' धातु से हुई है जिसका अर्थ है 'सीखना'। आंग्ल भाषा में शिक्षा को एजुकेशन कहा जाता है इस शब्द की उत्पत्ति लेटिन भाषा के EDUCATUM शब्द से हुई है यह E+DUCO शब्दों से मिलकर बना है जिसका अर्थ है "अंदर से बाहर की ओर अग्रसर करना या बढ़ाना"। लेटिन भाषा के दो अन्य शब्द educate or educere को भी एजुकेशन शब्द का समानार्थक माना जा सकता है।

व्यापक अर्थ
व्यापक अर्थ के अनुसार शिक्षा एक जीवन पर्यंत चलने वाली प्रक्रिया है 

जे.एस. मैकेंजी के अनुसार "शिक्षा एक ऐसी प्रक्रिया है जो जीवन भर चलती है और जीवन के प्रत्येक अनुभव से उसके भंडार में वृद्धि होती है ।"

शिक्षा का संकुचित अर्थ
संकुचित अर्थ में शिक्षा से तात्पर्य उन समस्त प्रभावों से है जो समाज विशेष जानबूझकर अपने सदस्यों पर डालता है तथा उन प्रभावों को व्यवस्थित एवं योजनाबद्ध भी करता है।

दर्शन
दर्शन शब्द को अंग्रेजी में philosophy कहा जाता है philosophy यूनानी भाषा के दो शब्दों philoso और sophia शब्द से हुई है। philoso का अर्थ है प्रेम या अनुराग saphia का अर्थ है ज्ञान तथा विवेक इस प्रकार फिलोसोफिया दर्शन शास्त्र का अर्थ हुआ कि ज्ञान के प्रति प्रेम।
सुकरात के अनुसार " दार्शनिक वे हैं जो सत्य के दर्शन के प्रेमी और इच्छुक होते हैं"।

शिक्षा दर्शन का अर्थ और परिभाषा
 शिक्षा दर्शन दर्शन कीजिए एक शाखा है जिसमें 10 सिद्धांतों का प्रयोग शिक्षा के क्षेत्र में होता है शिक्षा दर्शन शिक्षा से संबंधित सभी समस्याओं पर विचार करता है और उनका समाधान करने के लिए दार्शनिक दृष्टि से प्रयास करता है।

कनिंघम महोदय के अनुसार "शिक्षा दर्शन विभिन्न दार्शनिक विचार धाराओं के द्वारा प्रतिपादित सिद्धांतों के प्रयोग रूप में इन विचारधाराओं से अनेक समस्याओं की खोज के लिए निर्देशन लेता है।"

शिक्षा दर्शन का स्वरुप
शिक्षा दर्शन की दार्शनिक प्रवति उसके काजू में दिखाई पड़ती है शिक्षा दर्शन के कार्यों को तीन भागों में बाटा गया है-

1 नियमांक कार्य-
नए गाने इसके अंतर्गत शिक्षा दर्शन शिक्षा के तथ्यों एवं मूल्यों का समन्वय करके शैक्षिक प्रक्रिया के नियमों उद्देश्य आदेशों को निर्धारित करता है।

2 परिकल्पना आत्मक कार्य-
इसके अंतर्गत शिक्षा दर्शन की सीमाओं में विभिन्न ज्ञान विज्ञानों के निष्कर्षों को प्रस्तुत करते हैं और यह निर्धारित करते हैं कि विश्व में मानव का क्या स्थान है

3- समीक्षात्मक कार्य-
इसके अंतर्गत दर्शन विभिन्न वैज्ञानिक निष्कर्षों की समीक्षा करता है इसी कारण दर्शन को विज्ञानों का विज्ञान भी कहा जाता है

Sunday 15 November 2020

BA 2nd year 3rd semester 1st Paper question paper 2019 history of modern India 1740 AD-1857AD

 



 
BA 2nd year 3rd semester 1st Paper question paper 2019 history of modern India 1740 AD-1857AD

👉 note 📢📢📢क्वेश्चन पेपर को हिंदी व अंग्रेजी में देखने के लिए लास्ट में दिए गए वीडियो  के लिंक पर क्लिक करें

Short question 

• 1 कर्नाटक युद्ध में फ्रांसीसी यों की असफलता के कारणों को बताइए

• काल कोठरी की घटना

• 2 प्रथम मराठा युद्ध के परिणाम

• नेपाल युद्ध की घटनाएं

• 3 विलियम बेंटिक के सामाजिक सुधार

• डलहौजी के शैक्षिक सुधार

• 5 प्रथम आंग्ल अफगान युद्ध के परिणाम

• बेगम हजरत महल

• 6 पिट् इंडिया एक्ट के प्रावधान

• 1813 का चार्टर एक्ट की प्रमुख विशेषताएं


Long question


Unit first


• 2-1746 48 के मध्य फ्रांसीसी प्रतिद्वंद्विता के कारणों की विवेचना कीजिए।

• प्रथम कर्नाटक युद्ध के परिणामों का आकलन कीजिए

• 3- ईस्ट इंडिया कंपनी के बंगाल के नवाब सिराजुद्दौला के साथ संबंधों का परीक्षण कीजिए

• एक प्रशासक के रूप में मीर कासिम का मूल्यांकन कीजिए


Unit 2

• 4 द्वैध शासन की व्यवस्था की विशेषताओं पर प्रकाश डालिए
 
• बारेन स्टिंग के बनारस के साथ संबंधों का परीक्षण कीजिए

• 5 - स्थाई बंदोबस्त के प्रावधानों की विवेचना कीजिए

• सहायक संधि व्यवस्था की विशेषताओं को इंगित कीजिए


Unit 3

• 6- विनय के सिद्धांत से क्या अभिप्राय है वर्णन कीजिए

• डलहौजी के सार्वजनिक कल्याण कार्यों का परीक्षण कीजिए

• 7 - अच्छा सो 57 के विद्रोह के सामाजिक कारणों का पुनरावलोकन कीजिए ।

• क्या आप इस बात से सहमत हैं कि 1857 का विद्रोह भारत का प्रथम स्वतंत्रता संग्राम था टिप्पणी कीजिए


Unit 4

• 8- 1773 का रेगुलेटिंग एक्ट के पारित होने के कारणों का विवरण दीजिए 

• 1773 के एक्ट की महत्ता पर प्रकाश डालिए

• 9- 18 सो 53 के चार्टर एक्ट की महत्ता का परीक्षण कीजिए

 1833 के चार्टर एक्ट के मुख्य प्रावधानों की विवेचना कीजिए।





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Friday 13 November 2020

B. A. 1st year pervious year question paper 2018. HISTORY MIH (HISTORY OF MEDIEVAL INDIA 1206AD-1526AD)

 


B. A. 1st year pervious year question paper 2018.  HISTORY MIH (HISTORY OF MEDIEVAL INDIA 1206AD-1526AD)


Note -📢प्रश्नपत्र पत्र को हिंदी और अंग्रेजी दोनों में देखने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें।

Short question 

1. A.बंगाल के साथ कुतुबुद्दीन ऐबक के संबंध
B. कुतुबुद्दीन ऐबक के य्लदूज के साथ संबंध

2. A. रुकनुद्दीन फिरोज
B .रजिया का सिंहासनारोहण

3. A.मलिक छज्जू का विद्रोह
B.जलालुद्दीन खिलजी की हत्या

4. A.फिरोज शाह द्वारा निर्मित नहरें
B. फिरोज शाह के शासन में जजिय का. लगाया जाना।

5. A. खिज्र खान
B. बहलोल लोदी का सिंहासनारोहण।


Long question 


Unit 1

2. इवाज़ खिली के साथ इल्तुतमिश के संबंधों का वर्णन कीजिए

• तुर्कान ए चहलगानी


3. एक शासक के रूप में बलबन का मूल्यांकन कीजिए 
 
• बलबन के राजत्व सिद्धांत की प्रमुख विशेषताओं का उल्लेख कीजिए ।


Unit 2



4. अलाउद्दीन खिलजी के भू राजस्व सुधारों पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।

• अलाउद्दीन खिलजी के सराय अगले के अधिनियममो का विवरण दीजिए।


5. मोहम्मद बिन तुगलक के राजधानी हस्तांतरण की योजना का परीक्षण कीजिए

• मोहम्मद बिन तुगलक की सांकेतिक मुद्रा की योजना के लागू करने के परिणामों पर प्रकाश डालिए ।


Unit 3



6. दिल्ली सल्तनत पर अमीर तैमूर के आत्मा के प्रभावों का विश्लेषण कीजिए

• भारत में अफगान शासन के संस्थापक के रूप में बहलोल लोधी का आकलन कीजिए


7. सिकंदर लोदी के राजत्व सिद्धांत की प्रमुख विशेषताओं का वर्णन कीजिए

• सिकंदर लोदी और इब्राहिम लोदी के राजत्व सिद्धांत के अंतर को इंगित कीजिए।


Unit 4


8. दिल्ली सल्तनत के पतन के कारणों पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।

• दिल्ली के जातियों के केंद्रीय प्रशासन की मुख्य विशेषताओं का उल्लेख कीजिए


9. आरिज़ ए ममालिक के कार्यों का वर्णन कीजिए।

• न्यायिक प्रशासन में गाजीपुर गुजरात तत्व मुख्य का जी के कार्यों का परीक्षण कीजिए।  

https://youtu.be/c7mubbcv4iE

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Thursday 12 November 2020

B.A. 1st year 1st semester previous year question paper HISTORY Middle ages in Europe upto thirty years

 





B.A. 1st year 1st semester previous year question paper
Middle ages in Europe upto thirty years

Short question


1. मेन्जिकर्ट की लड़ाई

2. धर्म युद्ध

3. गुलाबों का युद्ध

4. कैथलिक चर्च में सुधार

5. तीन हेनरीयों का युद्ध


Long question 



Unit 1

1. रोमन सभ्यता के पतन के कारणों का विश्लेषण कीजिए।


2. मध्यकाल में यूरोप में सामाजिक आर्थिक और राजनीतिक जीवन का वर्णन कीजिए


Unit 2

1. भौगोलिक खोजों के परिणाम और महत्व के विषय में लिखिए।


2. इटली में पुनर्जागरण की व्याख्या कीजिए

Unit 3

1. जर्मनी के धर्म सुधार आंदोलन में मार्टिन लूथर की भूमिका की विवेचना कीजिए।


2. इंग्लैंड में सुधार के कारणों एवं परिणामों की व्याख्या 
कीजिए।

Unit 4


1. नीदरलैंड के विद्रोह के कारण एवं परिणाम क्या थे ?


2. 30 वर्षीय युद्ध के कारण एवं महत्व पर प्रकाश डालिए।


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Wednesday 11 November 2020

B.A. 2nd year 3rd semester project file आदर्शवाद की शिक्षा में भूमिका


































 

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Monday 9 November 2020

B.a. 2nd year (3rd semester) assignment education vedik kalin shiksha















 

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Wednesday 4 November 2020

सामुदायिक कार्य (community work)

 सामुदायिक कार्य 





सामुदायिक कार्य का अर्थ एवं परिभाषा


सामुदायिक सेवा एक ऐसी योजना है जो सहयोग सहायता एवं सहकारिता इत्यादि सिद्धांतों के आधार पर सामाजिक एवं आर्थिक उन्नति पर बल देता है। यह एक ऐसा भाव है जो कार्य या सहयोग के बदले में किसी भी प्रतिफल की अपेक्षा नहीं करता है अर्थात निस्वार्थ सेवा करता है समुदाय शब्द लैटिन भाषा के com+munis से मिलकर बना है जिसमें com का अर्थ है together अर्थात साथ-साथ तथा munis अर्थ है serving अर्थात सेवा करना ।
आईसी जैक्सन के अनुसार सामुदायिक सेवा किसी समुदाय को अपने आप काम करने के लिए प्रोत्साहित करने तथा भौतिक और आध्यात्मिक रूप से सामुदायिक जीवन को समूह बनाने के लिए कार्य करने को प्रेरित करता है

सामुदायिक कार्य के उद्देश्य

• सामुदायिक कार्य के माध्यम से समाज के विभिन्न वर्गों से जन सहयोग प्राप्त करना सामुदायिक कार्य के माध्यम से जन कल्याण हेतु कार्य करना समाज में व्याप्त सामाजिक समस्याओं को पहचान कर उसका निराकरण हेतु समाधान सुझा ना सामुदायिक सेवाओं के माध्यम से सामाजिक जीवन से जुड़ना स्वयं सेवा की भावना का विकास करना सामुदायिक कार्य में प्रत्येक आयु वर्ग के व्यक्ति सम्मिलित होकर कार्य करते हैं।
सामुदायिक कार्य की प्रकृति
समाज सुधार को बढ़ावा देना आपसी मतभेद को दूर कर सहयोग एवं सहकारिता की भावना का प्रचार एवं प्रसार करना सामुदायिक समस्याओं के प्रति संवेदनशील होना समुदाय के लोगों में सामाजिक तथा जनकल्याण की भावना का प्रसार करना सार्वजनिक कल्याण योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु सामाजिक जागरूकता का प्रसार करना जनकल्याणकारी योजनाओं का प्रारूप तैयार करना तथा क्रियान्वयन हेतु सामाजिक जागरूकता का प्रसार करना शिक्षण संस्थाओं में छात्र संगठनों को सामुदायिक सेवा हेतु प्रोत्साहन देना समाज में एकता की भावना को बढ़ावा देना।

सामुदायिक कार्य का क्षेत्र

समुदाय का व्यवसायिक मार्गदर्शन समुदाय के द्वारा शैक्षिक विकास शिक्षा के प्रति जागरूकता तथा प्रौढ़ शिक्षा का प्रचार प्रसार ग्रामीण क्षेत्रों में सामाजिक आर्थिक एवं शैक्षिक इत्यादि के संदर्भ में जागरूकता का प्रसार उपभोक्ता संरक्षण सामाजिक कुरीतियों का उन्मूलन का प्रयास रूढ़िवादिता के उन्मूलन का प्रयास ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवा तथा शिक्षा स्वास्थ्य कार्यक्रम चलाना वृक्षारोपण एवं सामाजिक कार्यक्रम का प्रसार करना सामुदायिक मनोरंजन की व्यवस्था करना समाज से पिछड़े वर्गों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने का प्रयास

सामुदायिक कार्य का महत्व
विचारों में नवीनता आती है एक साथ कार्य करने एक दूसरे को प्रोत्साहन देते हैं जिस प्रकार किसी वस्तु को पकड़ने के लिए एक उंगली नहीं बल्कि पूरी पांचों उंगलियों की जरूरत पड़ती है उसी प्रकार सामुदायिक कार्य समाज में एकता बनाए रखने के लिए प्रोत्साहित करता है सामुदायिक कार्य के द्वारा सामाजिक भावना की जागृति होती है सामुदायिक कार्य आपसी मतभेद को भुलाने में सहायता करता है प्रत्येक आयु वर्ग के लोगों में आपसी प्रेम बढ़ता है किसी भी कार्य को एक समुदाय में करने से कठिन से कठिन कार्य भी सरल हो जाता है मानव के कल्याण के लिए सामूहिक होना अति आवश्यक है

सामुदायिक कार्य के प्रकार
प्रकृति के महत्व को बताते हुए पेड़ पौधे लगाने के लिए जागरूक करना यातायात के नियमों का पालन करने के लिए जागरूक करना नुक्कड़ नाटक पोस्टर स्लोगन आदि के माध्यम से सामाजिक समस्याओं पर सामुदायिक कार्य के माध्यम से जागरूक करने का प्रयास करना साफ सफाई के माध्यम से बीमारियों से बचाव के लिए जागरूक करने का प्रयास करना सर्वधर्म समानता के लिए जागरूक करना शारीरिक रूप से विकलांग मानसिक रूप से विक्षिप्त बालकों के प्रति जागरूकता कार्यक्रम करना शक्ति के महत्व को बताते हुए पेड़ पौधे लगाने के लिए जागरुक करना यातायात के नियमों का पालन करने के लिए जागरुक करना नुक्कड़ नाटक पोस्टर स्लोगन आधी के माध्यम से सामाजिक समस्याओं पर सामुदायिक कार्य की माध्यम से जागरुक करने का प्रयास करना साफ-सफाई के माध्यम से बिमारियों से बचा ओके लिए जागरुक करने का प्रयास करना सर्व धर्म समानता के लिए जागरुक करना शारीरिक रूप से विकलांग मानसिक रुप से विकसित बाल को के प्रति जागरुकता कार्यक्रम करना ताकि उन्हें भी समाज में सामान लोगों की तरह स्नेह एवं प्रेम दिया जाए hiv एक पूजा दी खतरनाक बीमारियां के प्रति जागरुक करना

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Monday 2 November 2020

विशिष्ट विद्यालय (special school)

 



विशिष्ट  विद्यालय 

 प्रस्तावना

परत बालक में कुछ ऐसे गुण होते हैं जो जन्मजात पाए जाते हैं यह ग्रुप हराया अनुवांशिकता से संबंधित भी हो सकते हैं अथवा नहीं भी इन्हीं गुणों के आधार पर ही बालकों का शैक्षिक स्तर निर्भर करता है सामान्य वालों को का शैक्षिक स्तर उनकी बुद्धि लब्धि तथा क्षमताओं के आधार पर ही तय किया जाता है ठीक इसी प्रकार वह बालक जो कि विशिष्ट बालक होते हैं उन्हें भी शिक्षा के पूर्ण अवसर प्राप्त करने का अधिकार होता है इन बालकों को दी गई शिक्षा अलग-अलग प्रकार की होती है क्योंकि इन बालकों का शैक्षिक स्तर अलग अलग होता है समावेशी शिक्षा एक प्रणाली है शिक्षा का समावेशी करण यह बताता है कि विशेष शैक्षणिक आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए एक सामान्य छात्र एक दिव्यांग छात्र के साथ विद्यालय में अधिकतर समय बिताता है पहले समावेशी शिक्षा की परिकल्पना सिर्फ विशेष छात्रों के लिए की गई थी लेकिन आधुनिक काल में हर शिक्षक को इस सिद्धांत को विस्तृत दृष्टिकोण में अपनी कक्षा में व्यवहार में लाना चाहिए समावेशी शिक्षा या एकीकरण के सिद्धांत की ऐतिहासिक पद्धति की जगह नई शिक्षा नीति का प्रयोग आधुनिक समय में होने लगा है समावेशी शिक्षा विशेष विद्यालय या कक्षा को स्वीकार नहीं करता अशक्त बच्चों को सामान्य बच्चों से अलग करना अब मान्य नहीं है दिव्यांग बच्चों से अलग करना मन नहीं है दिव्यांग बच्चों को भी सामान्य बच्चों की तरह ही शैक्षिक गतिविधियों में भाग लेने का अधिकार है




विशिष्ट विद्यालय का अर्थ एवं अवधारणा

विशिष्ट शिक्षा से अभिप्राय उस शिक्षा से है जो विशिष्ट बालकों को दी जाती है वह शिक्षा जो प्रतिभाशाली युवा पिछड़े बालकों को दी जाती है विशिष्ट बालकों की सामान्य बालक को से भिन्न शैक्षिक मार्गदर्शन की आवश्यकता होती है
शिक्षा के अंतरराष्ट्रीय कोष के अनुसार वह शिक्षा जो इन बच्चों को दी जाती है जो विशेष शैक्षिक उपचार की इसलिए अपेक्षा करते हैं क्योंकि या तो वे प्रतिभाशाली हैं या शारीरिक या मानसिक दृष्टि से विकलांग है और यह शैक्षिक दृष्टि से सामान्य से भिन्न है
जेडी हंट के अनुसार" विशिष्ट शिक्षा व शिक्षा है जो शारीरिक संवेगात्मक या सामाजिक विशेषताओं में सामान्य बालकों की शिक्षा से अलग है।"

विशिष्ट विद्यालय की आवश्यकता एवं महत्व
किसी भी कक्षा में विभिन्न तरह के बच्चे होते हैं जिनकी अपनी अपनी आवश्यकताएं हो सकती हैं जैसे कुछ बच्चे अक्षरों को उल्टा लिखते हैं कुछ की श्रवण शक्ति कम होती है कुछ मंदबुद्धि वाले होते हैं सभी बच्चे सामान्य गति से नहीं सीख पाते हैं कुछ बच्चों का उच्चारण फर्स्ट नहीं होता है जिसके कारण इन बच्चों का विकास एवं दैनिक कार्यशीलता प्रभावित होती है। इन अभिनेताओं के कारण इन बच्चों के पालन पोषण में कुछ भिन्न या विशिष्ट तरीके अपनाने की आवश्यकता होती है उनकी शिक्षा के लिए विशेष योजना बनानी पड़ती है यह सुनिश्चित करना पड़ता है कि उनके अनुकूलतम विकास को बढ़ावा मिले अभिभावकों और शिक्षकों को इन बच्चों को बोलना लिखना चलने फिरने मित्र बनाने और कौशल और संकल्पना ए जो सामान्य बच्चों के विकास के दौरान सहज रूप से प्राप्त कर लेते हैं उन्हें अर्जित कराने और सिखाने के लिए विशेष प्रयास करने होते हैं इन बच्चों की कुछ ऐसी विशेषताएं हैं जो अधिकांश बच्चों की जरूरतों से भिन्न होते हैं अर्थात उनकी विशेष जरूरत।


विशिष्ट विद्यालय के उद्देश्य
प्रतीक शिक्षा व्यवस्था या संस्था के कुछ लक्ष्य बहुत तेज होते हैं इसी प्रकार विशिष्ट शिक्षा भी सामान्य शिक्षा की तरह देश के विकास समाज का पुनर्गठन नागरिक विकास समाज में फैली बुराइयों मिटाने आदि विभिन्न प्रकार के उद्देश्य लेकर चलती है इन उद्देश्यों के अतिरिक्त विशिष्ट शिक्षा के कुछ निम्नलिखित उद्देश्य है
• विशिष्ट बच्चों की विशेष आवश्यकताओं की पूर्व पहचान तथा निर्धारणकरना
• शारीरिक रूप से बाधित बालकों का पुनर्वास करना
• विशिष्ट शिक्षा का मुख्य उद्देश्य विशेष बच्चे का सर्वांगीण विकास करना है
• विशेष बच्चों को किस प्रकार का वातावरण प्रदान करना जिससे देश देश की मुख्यधारा से जुड़े रह सकें
उनको सामान्य विकास के लिए तैयार करना उनको इस योग्य बनाना कि वे जीवन की समस्याओं का साहस व आत्मविश्वास से सामना कर सकें।
कुछ क्षेत्रों में स्पष्ट रूप से दृष्टिगत होने वाली विभिन्न नेताओं के बावजूद विशिष्ट बच्चे कई प्रकार से अपनी आयु के सामान्य बच्चों के समान होते हैं।


विशिष्ट शिक्षा का महत्व


• विशिष्ट शिक्षा विशेष बच्चों की आवश्यकताओं को पूरा करने में सहायता करती है चाहे वह बच्चा प्रतिभाशाली हो या पिछड़ा
• विशिष्ट शिक्षा विशिष्ट बच्चों को समाज के साथ समायोजन में सहायता करती है
• विशिष्ट शिक्षा विशिष्ट बच्चों की पहचान व निदान में सहायक है
• विशिष्ट शिक्षा की प्रकृति विकासात्मक है विशिष्ट शिक्षा विशिष्ट बालकों को आत्मनिर्भर बनाती है तथा उनमें आत्मविश्वास का संचार करती है।
• विशिष्ट शिक्षा प्रदान करने के लिए विशेष शिक्षा सामग्री विशेष पाठ्यक्रम व विशेष प्रशिक्षण प्राप्त अध्यापकों की आवश्यकता होती है।
• यह शिक्षा बालकों की क्षमताओं योग्यताओं रुचि युवा कवियों को ध्यान में रखकर दी जाती है
• विशिष्ट शिक्षा लोगों के विशिष्ट बालकों के प्रति दृष्टिकोण में बदलाव लाती हैं।




विशिष्ट विद्यालय के प्रकार
Special school for children with physical disability
Special school for social development
special school for children with intellectual disability
Hospital School


विशिष्ट विद्यालय की विशेषताएं
विशिष्ट शिक्षा की पहुंच दूर-दूर तक है विशिष्ट शिक्षा की प्रकृति उपचारात्मक है विशिष्ट शिक्षा उपचारात्मक होने के साथ-साथ विशिष्ट बालकों की विशिष्टता की पहचान है विशिष्ट शिक्षा विशिष्ट बालकों को एक विश्वसनीय वातावरण प्रदान करती है जो कि उसकी विशिष्टता को समायोजित करने में सहायता प्रदान करता है विशिष्ट शिक्षा किसी एक की विशेषता पर केंद्रित होती है तथा कहने का तात्पर्य किसी एक आवश्यकता पर अपना ध्यान केंद्रित कर उसे पूरा करती है।
विशिष्ट शिक्षा विकास उन्मुख भी है इसमें विशिष्ट बालकों के विकास से संबंधित जितनी भी विषय हैं उन सभी को अपनाया जाता है विशिष्ट शिक्षा प्रयोगों पर अत्यधिक आधारित है इसमें विशिष्ट बालक की शिक्षा हेतु मानविकी करण को प्रोत्साहित किया जाता है विशिष्ट शिक्षा विशिष्ट बालको और सामान्य बालकों में पहचान के अंतर को स्पष्ट करती है विशिष्ट बालक को विशिष्ट शिक्षा की सहायता से अधिगम हेतु स्वास्थ्य अनुकूलित वातावरण प्रदान किया जाता है विशिष्ट शिक्षा तकनीकी पर अधिक से अधिक निर्भर होती है इस निर्भरता के साथ साथिया शिक्षा विशिष्ट बालकों के लिए विशिष्ट उपकरणों व यंत्रों के भी प्रयोग पर जोर देते हैं तकनीकी उपयुक्त विद्या शिक्षण सामग्री के मेलजोल से कक्षा गत परिस्थितियों के अंतर्गत अधिगम हेतु सुगम वातावरण तैयार किया जा सकता है विशिष्ट शिक्षा माता-पिता व अभिभावकों को भी विशिष्ट बालकों के विषय में जानने में सहायता प्रदान करती है विशिष्ट शिक्षा शिक्षक को विशिष्ट बालक के मनोविज्ञान को समझने में अधिक से अधिक सहायता प्रदान करती है।












 

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