Wednesday 7 October 2020

पर्यावरणीय शिक्षा असाइनमेंट यूनिट फर्स्ट B.Ed. सेकंड सेमेस्टर


पर्यावरणीय शिक्षा असाइनमेंट यूनिट फर्स्ट B.Ed सेकंड सेमेस्टर


Short question 1

 पर्यावरणीय शिक्षा में रेडियो की भूमिका

रेडियो पर्यावरण शिक्षा शिक्षण का सबसे सरल और सुगम साधन है रेडियो के लिए विद्युत ऊर्जा और विशेष उपकरणों की आवश्यकता नहीं होती इसलिए इसका प्रयोग कम धन व्यय करके एवं विद्युत अभाव में भी किया जा सकता है रेडियो का उपयोग पर्यावरण शिक्षा शिक्षण में निम्नलिखित रुप में किया जा सकता है

  • रेडियो के माध्यम से विभिन्न प्रकार की कहानियां एवं कविताएं सुनाकर छात्रों को पर्यावरण के प्रति जागरूक बनाया जा सकता है
  • विभिन्न विद्वानों के विचारों को जनसामान्य तक पहुंचा कर पर्यावरण शिक्षा प्रदान की जा सकती है ।
  • विभिन्न प्रकार के पर्यावरण प्रदूषण का ज्ञान प्रदान करके उनसे बचने के उपायों को रेडियो के द्वारा प्रसारित किया जा सकता
रेडियो पर आकाशवाणी के प्रमुख कार्यक्रमों द्वारा पर्यावरण शिक्षा शिक्षण कार्यक्रम को भी स्थान प्रदान किया जाना चाहिए।

लोक संचार परिषद नई दिल्ली द्वारा कई अभी नायक फिल्म ऐसी तैयार की गई है जो पर्यावरणीय बोध उसके स्वरूप तथा संरक्षण द्वारा उनके रचनात्मक स्वरूप का दर्शन करते हैं संसद विधानसभा अथवा संयुक्त राष्ट्र संघ की सुरक्षा परिषद के सचिव मुकेश इनका प्रदर्शन किसी महापुरुष के कृतित्व के बारे में प्रदर्शन आदि चलचित्र में पूर्व नाटक की करण कर उसकी टाइपिंग का फिल्मांकन किया जा सकता है।

Question 2

दृश्य श्रव्य सामग्री का महत्व

दृश्य श्रव्य सामग्री अनुभव प्रदान करते हैं उनके प्रयोग से शब्दों एवं वस्तुओं का संबंध सरलता पूर्वक स्थापित हो जाता है बालकों के समय की बचत होती है तथा उनकी सहायता से सरल परंतु सही बातों का पता चलता है दृश्य श्रव्य सामग्री जटिल बातों को भी सरल ढंग से प्रस्तुत करते हैं तथा बालकों की कल्पना शक्ति को प्रेरित करते हैं


जो ज्ञान ज्ञान इंद्रियों पर आधारित होता है वह दीर्घ जीवी होता है तथा स्थाई बना रहता है दृश्य श्रव्य सामग्री इस सिद्धांत पर आधारित होती है।
दृश्य श्रव्य सामग्री को  संक्षेप में प्रस्तुत किया जा रहा है

  • यह सामग्री अधिगम प्रक्रिया में ध्यान एवं अभिप्रेरणा बनाए रखने में मदद करती
  • इस सामग्री के उपयोग से जटिल विषय वस्तु की सरल रूप में परिवर्तित हो जाती है
  • इस सामग्री द्वारा बालकों की अवबोध शक्ति का विकास होता है।
  • यह व्यक्ति विभिन्ताओं पर ध्यान देती है।

Question 3
मूल्यांकन का अर्थ
जिंदगी के हर पहलू में मूल्यांकन किसी ना किसी तरह से चलता रहता है । अगर मानव के जीवन से मूल्यांकन को हटा दिया जाए तो जिंदगी से उद्देश्य ही खत्म हो जाएगा। अतः मूल्यांकन एक व्यापक शब्द है जिसका उपयोग विद्यालय के कार्यक्रम,पाठ्यक्रम, शैक्षिक कार्यक्रम, शिक्षकों एवं बालकों की विविध उपलब्धियों को मापने के लिए किया जाता है मूल्यांकन शिक्षा प्रणाली का एक महत्वपूर्ण अंग है। यह शिक्षा के उद्देश्यों से घनिष्ठ रूप से संबंधित है यह न केवल शैक्षिक उपलब्धि के मापन में सहायक है बल्कि उसमें सुधार भी करता है।

शिक्षा आयोग के अनुसार मूल्यांकन एक क्रमिक प्रक्रिया है जो संपूर्ण प्रणाली का महत्वपूर्ण अंग है।
फैसले के अनुसार- "मूल्यांकन एक समावेशित धारणा है जो इच्छुक परिणामों के गुण महत्व तथा प्रभावशीलता का निर्धारण करने के लिए समस्त प्रकार के प्रयासों एवं समाधान की ओर संकेत करती है यह वस्तुनिष्ठ प्रमाण तथा आत्म निष्ठ निरीक्षण का सम्मिश्रण है यह संपूर्ण तथा अंतिम अनुमान है या नीतियों के उप परिवर्तन तथा भावी  कार्यों के लिए महत्वपूर्ण एवं आवश्यक है।" 
 
किव्लीन  व हन्ना  अनुसार - "छात्रों के व्यवहार में विद्यालय द्वारा लाए गए परिवर्तनों के विषय में चमारों के संकलन और उनकी व्याख्या करने की प्रक्रिया ही मूल्यांकन है।"


Question 4
अंतर विषयक वह बहू विषयक उपागम
अंतर विषयक बाबा हुसैन उपागम परिस्थितियों व आवश्यकता ओं के अनुसार अपनाए जा सकते हैं इसे निम्न प्रति मानव से समझा जा सकता है










Long question 1

 श्रव्य संचार माध्यम

 रेडियो, टेप रिकॉर्डर, रिकॉर्डर प्लेयर, लेजरडिस्क इत्यादि।

दृश्य संचार माध्यम

पत्र-पत्रिकाएं, कार्टून, मूक चलचित्र, पोस्टर, प्रोजेक्टर, विज्ञापन इत्यादि।

दृश्य श्रव्य माध्यम

चलचित्र, दूरदर्शन, वीडियो, सिटी केबल इत्यादि।

रेडियो 

 सामान्य रुप से रेडियो का प्रयोग आमोद प्रमोद तथा देश विदेश की घटनाओं से जानकारी प्राप्त  करने के उद्देश्य से किया जाता है किंतु इसकी उपयोगिता को देखते हुए अब इसकी गणना हमारी दिन-प्रतिदिन की आवश्यकता की वस्तुएं में की जाने लगी है वर्तमान समय में रेडियो शिक्षा प्रदान करने की एक महत्वपूर्ण





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