विद्या भवन उदयपुर पर टिप्पणी लिखो
14 नवंबर 2008 में गुजरात विश्वविद्यालय की पूर्व कुलपति स्वर्गीय श्री नारायण भाई देसाई द्वारा विद्या भवन गांधी इंस्टिट्यूट ऑफ एजुकेशन की स्थापना की गई।
संस्था की स्थापना ऐसे शिक्षकों को तैयार करने के लिए कि गई जिसमें शिक्षा के गांधीवादी समय की समझ को जिससे एक शतक सामंजस्य पूर्ण वाह शांतिपूर्ण समाज का निर्माण किया जा
संस्था के मुख्य उद्देश
1. उत्तरदाई नागरिकों के गुण को विकसित करना2. शिक्षक के रुप में बहुमुखी विकास करने की अवसर प्रदान करना
3. शिक्षण कार्य के प्रति सम्मान व आत्मनिर्भरता विकसित करना
4. शैक्षिक गुणवत्ता को शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम में सुनिश्चित करना
5. गांधीवादी दर्शन के आधार पर गुणवत्तापरक जीवन की समझ विकसित करना
संस्था की मुख्य विशेषताएं
1. संयुक्त विद्यालय- b.ed संस्थान से जुड़ा एक सीनियर सेकेंडरी स्कूल भी है जिसका नाम 'विद्या भवन बेसिक स्कूल' है यह स्कूल b.ed छात्रों के लिए प्रशिक्षण हेतु एक आदर्श स्कूल है इसमें b.ed छात्रों को कक्षा में नए प्रयोग करने व प्रत्यक्ष अनुभव लेने हेतु पूर्ण स्वतंत्रता प्राप्त है।2. भौतिक संसाधन- संस्थान NCET मानको के आधार पर निर्मित है जिसमें बहुउद्देशीय कक्ष, संगोष्ठी कक्ष , कक्षाकक्ष सामान्य कक्ष आदि सम्मिलित हैं।
3. पाठ्यक्रम- यह संस्थान मोहनलाल सुखदिया विश्वविद्यालय उदयपुर से संबद्ध है अतः इसी विश्वविद्यालय के पाठ्यक्रम का अनुसरण करता है
4. पुस्तकालय- इस संस्थान का पुस्तकालय एक समृद्ध पुस्तकालय माना जाता है
5. पठन पाठन- यहां अनेक नवीन विधियों का संस्थान में प्रयोग किया जाता है जैसे मस्तिष्क उत्प्लवन,समूह विचार विमर्श प्रकृति अध्ययन भ्रमण ,कार्यशाला , समूह शिक्षा आदि।
6. कार्यशाला का आयोजन - गांधीवादी मूल्य पर आधारित शांति । द्वन्द समाधान में युवाओ की भूमिका । शिक्षण अधिगम सामग्री तैयार करना।
7. पाठय सहगामी क्रियाएं- यह संस्थान छात्राध्यापकों हेतु विभिन्न पाठ्य सहगामी में क्रियाओं का आयोजन करता रहता है जैसे शांति रैली, नुक्कड़ नाटक, सामुदायिक सर्वेक्षण, प्रदर्शनी आदि
8. मूल्यांकन व्यवस्था- वर्ष भर समस्त सभी क्रिया-कलापों का मूल्यांकन किया जाता है मूल्यांकन के लिए सहपाठी व स्वमूल्यांकन विधि का प्रयोग किया जाता है
इसका प्रकार विभिन्न विशेषताओं को सम्मिलित करता हुआ वह संस्थान शिक्षक प्रशिक्षण संस्थान में महत्वपूर्ण स्थान रखता है
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